पर्यावरण

ईआईएल में, हमारा प्रयास हमारी स्थापित तकनीकों और प्रक्रियाओं द्वारा पर्यावरण की रक्षा करने के लिए सेवाओं के हमारे कार्यक्षेत्र के सभी पहलुओं में उत्कृष्टता के लिए बेंचमार्क स्थापित करना है। हमारी पर्यावरण प्रक्रियाएं केवल पर्यावरण संरक्षण ही नहीं करती है अपितु ये व्यापक रूप में मानव हित के लिए पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित करती हैं। अपने सभी प्रचालनों में, अपने पर्यावरण को स्वच्छ और हरित रखने के लिए हम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हैं।
अत्यधिक जीवाश्म ईंधन की पर्यावरण लागतों के बारे में बढ़ती चिंताओं को दूर करने के लिए, ईआईएल ने आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं की तिहरी आधाररेखाओं पर अपने निष्पादन के मूल्यांकन द्वारा दीर्घकालिक संपोषित विकास को हासिल करने के लिए अपनी इंजीनियरी प्रणाली और कारोबार मॉडल पर पुन: ध्यान केंद्रित किया है। हमारी वर्तमान प्राथमिकता पर्यावरणीय अनुकूल ऊर्जा समाधान विकसित करना है जो साथ-साथ ऊर्जा प्रौद्योगिकी के अन्य लागत प्रभावी, नवीकरणीय और संपोषित तरीकों की दिशा में अग्रसर होने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करते समय विश्व को हाइड्रोकार्बन स्रोतों का सुविधाजनक और लागत प्रभावी लाभ उठाने में सहायता मिलेगी।
पर्यावरण नीति
- उत्पादों/सेवाओं के डिजाइन और सुपुर्दगी तथा अपने प्रचालनों के दौरान लागू पर्यावरण अपेक्षाओं/नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना।
- निर्णय लेने संबंधी प्रक्रियाओं में पर्यावरणीय प्रभाव पर ध्यान देना
- संपोषित विकास के लिए स्वच्छ प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना/विकसित करना
- सभी कर्मचारियों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना
- सभी प्रचालनों में कम करने, पुनः प्रयोग करने और रीसायकल को अपनाना।
उद्योगों को पर्यावरणीय सेवाएं
प्रभावों सही ढंग से अनुमान होने से, ईआईएल सुनिश्चित करता है कि सभी नकारात्मक प्रभावों से ठीक प्रकार से निपटा जा सकता है और उस क्षेत्र में पर्यावरण की संपोषिता को सुनिश्चित करने के लिए न्यूनीकरण के उपाय किए जाते हैं। ईआईएल अपने सेवार्थियों के लिए पर्यावरण स्वास्थ्य जोखिम आकलन अध्ययन करता है जिससे संयंत्र के आसपास के क्षेत्र में लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले विभिन्न प्रदूषकों के प्रभाव का पता लगाने में सहायता मिलती है।
ईआईएल बहि:स्रावी पुनरावृत्ति /पुन:उपयोग के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाने में अग्रणी है जिसके परिणामस्वरूप शून्य तरल निस्सारण (जेडएलडी) आवश्यकताओं, वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों के नियंत्रण के लिए कार्बन प्रबंधन, खतरनाक और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जैवोपचारण प्रक्रियाओं का प्रयोग करके तेलयुक्त कीचड़ से तेल की रिकवरी करना और अवशिष्ट तेलयुक्त कीचड़ का उपचार करना, ऊर्जा दक्षता प्रक्रियाओं और उपचार प्रणालियों को अपनाना इत्यादि संभव होता है।